सुबह खाली पेट दही खाने के फायदे : दही खाने का सही तरीका, खाली पेट खाने से भी मिलते हैं ये फायदे।
दही बहुत ही Popular Dishe है, जिसे इंडिया में लगभग सभी क्षेत्रों में खाया जाता है। इसके साथ ही लोग Butter Milk, छास, लस्सी का भी सेवन करते है, जो हमारे स्वास्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। दही को पूजा हो अथवा किसी शुभ काम की शुरुवात इसका सेवन किया जाता है।
डॉक्टरों द्वारा बताया गया है, की यदि आप प्रतिदिन 1 कटोरी दही का सेवन करते है, तो आपको कोई भी बीमारी आसानी से नहीं होगी और आपका पाचन तंत्र भी काफी अच्छा रहेगा। लेकिन आप अपने मन में अब सोच रहे होंगे की दही तो दूध से ही बना है, तो फिर ये दूध से ज्यादा फायदेमंद कैसे हो सकता है।
धैर्य रखे इस प्रश्न का Answer हम आपको निचे देंगे इसके साथ ही हम आपको यह बताएँगे की सुबह खाली पेट दही खाने के फायदे और नुकसान क्या-क्या है, किन लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए और दही का सेवन कब किया जाना चाहिए।
आखिर क्यों है, दही दूध से ज्यादा फायदेमंद
आपको पता है की दूध से दही किण्वन कराकर बनाया जाता है, और इस कार्य को करने के लिए लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। ये बैक्टीरिया दूध को स्कन्दित कराकर इसको आंशिक रूप से पचा देते है। जिस कारण इसमें विटामिन B 12 की मात्रा बढ़ जाती है, जो कैल्शियम के स्तर को बनाये रखने में मदद करता है।
साथ ही दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया की मात्रा भी बढ़ जाती है। आप जानते ही है, की बैक्टीरिया दो प्रकार के होते है, एक Good बैक्टीरिया जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते है।
दूसरे Bad बैक्टीरिया जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद नहीं होते है, लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया जिसे LAB भी कहते है ये Good बैक्टीरिया है, जो हमारे पेट में मौजुद Bad बैक्टीरया को ख़त्म करने का काम करते है, जिसके प्रतिदिन सेवन से हमारा पाचन तंत्र काफी अच्छा होने लगता है।
दही में कौन-कौन से प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं?
दही में काफी अच्छी मात्रा में पोषक तत्व पाया जाता है, जो हमारे स्वास्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। दही में लगभग 80 प्रतिशत पानी होता है, यदि आप पानी का सेवन नहीं करते है या ज्यादा मात्रा में पानी नहीं पी सकते तो आप लस्सी बनाकर पानी की पूर्ति कर सकते है क्योकि इससे स्वाद बढ़ जाता है और पीने में अच्छा लगता है। लगभग 100 ग्राम दही में 12 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।
दही में लगभग 20 प्रकार के Amino Acid पाए जाते है। दही में मेथिओनिन पाया जाता है, जो एक प्रकार का Amino Acid है जो लिवर में वसा की मात्रा को बढ़ने से बचता है। इसके साथ ही दही में केवल 3 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट उपस्थित होता है। दही में लैक्टोज की मात्रा कम होती है, जो लोग लैक्टोज इनटॉलेरेंस होते है अर्थात लैक्टोज पचा नहीं सकते दही का सेवन कर सकते है।
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दही में लगभग 25 प्रतिशत वसा पाया जाता है। दही में फॉस्फोरस और कैल्शियम काफी मात्रा में पाए जाते है। साथ ही साथ दही में राइबोफ्लेविन, विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन B12 और पैंटोथेनिक एसिड पाया जाता है। दही लैक्टिक एसिड जैसे कार्बनिक अम्लों से भी भरपूर होता है।
दही पोषक तत्व चार्ट
रोज सुबह खाली पेट दही खाने के फायदे - प्रतिदिन करे सेवन रहेंगे तंदरुस्त।
सुबह खाली पेट दही खाना हमारे स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होता है, दही से श्री खंड बनता है, दही से हम लोग लस्सी बनाते है, दही से छास बनाते है, योगहर्ट को भी दही बोल सकते है, दही के रियल फायदे जानेंगे तो आपको लगेगा वाकई दही काफी फायदेमंद है।
लेकिन जब आप दही जमाये तो ध्यान रखे की जिन लोगो को हार्ट डिसिस, ब्लड प्रेसर, डायबटीस, मोटापा जैसी समस्या हो तो दही में फैट की मात्रा कम होनी चाहिए, इसके लिए आप डबल टोन्ड मिल्क या स्किम्ड मिल्क उपयोग कर सकते है। क्योकि डबल टोन्ड मिल्क में 1.5% वसा तथा स्किम्ड मिल्क में 0% वसा होती है, जो हमारे स्वास्थ के लिए काफी फ़ायदेनंद होता है।
यहाँ नीचे सुबह खाली पेट दही खाने के 8 फायदे बताये गये है। तो चलिए जानते है:-
पाचन तंत्र को मजबूत बनता है
दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया जिसे LAB भी कहते है बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते है, यह Good बैक्टीरिया है, जो पेट में मौजूद Bad बैक्टीरिया को ख़त्म कर पाचन तंत्र मजबूत बनाने में मदद करता है।
इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद करता है
दही में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में कारगर है। दही प्रोबायोटिक फूडस् में आता है। इन्ही गुणों के कारण दही खाने से आप कई तरह के संक्रमण से बच सकते हैं।
दही में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता हैं। दही खाने से इम्युनिटी बूस्ट होने के साथ-साथ यह आपके शरीर को एनर्जी प्रदान करने का भी कार्य करता है।
हड्डी और दाँतो को मजबूत बनाने में मदद करता है
हमारी हड्डियाँ और दाँते मुख्य रूप से कैल्शियम तथा कुछ मात्रा में फास्फोरस से मिलकर बनी होती है। दही में विटामिन डी पाया जाता है, जो कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता हैं, जिससे हड्डिया और दाँते मजबूत होते है।
दही में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी अधिक मात्रा में पाये जाते है, जो ऑस्टियोपोरोसिस (जोडों की बीमारी) को जड़ से ख़त्म करने में मददगार हो सकते है।
वजन कम करने में मददगार
क्या आप जानते है की दही फैट बर्नर की तरह काम करता है, इसके प्रतिदिन सेवन से आप अपने वजन को कम कर सकते है। क्योकि दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन B 12, राइबोफ्ल्विन और पोटैशियम पाया जाता है, जो हमारे शरीर की कोशिकाओं को भरपूर मात्रा में पोषक प्रदान करने का कार्य करता है। और इसमें कैलोरी भी कम होती है, जो वजन घटने में काफी मददगार होता है।
दही को स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर बनाने के लिए आप इसमें ड्राई फ्रूट्स भी मिलाकर इसका सेवन कर सकते है। दही के साथ पिस्ता और अंजीर मिलाकर इसका सेवन कर सकते है।
लेकिन आयुर्वेद के अनुसार दही का सेवन प्रतिदिन नहीं करना चाहिए और जिन लोगो का वजन अधिक है, उन लोगो को दही के जगह किसी और पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
स्किन को हेल्थी बनाने में मदद करता है
दही में लगभग 80 से 88 प्रतिशत पानी होता है, जिसका त्वचा के ऊपर उपयोग करने से यह त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज़ करने में मदद करता है। दही का यह गुण त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाये रखने में मदद करता है।
दही का मॉइस्चराइजिंग और हाइड्रेटिंग गुण त्वचा के कोलेजन और इलास्टिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाया जाता है , जो त्वचा के स्वास्थ को बनाये रखने में मदद करता है।
दही में लैक्टिक एसिड पाया जाता है, जो अम्लीय होता है। लैक्टिक एसिड त्वचा के झुर्रियों को कम करने में मददगार हो सकता है। दही आंखों के चारों ओर काले घेरों को कम करने में मददगार होता है। दही में Antioxidant गुण पाया जाता है, जो एजिंग को रोकने में मदद गार हो सकता है।
दही में जिंक पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, यह तत्व कोशिकाओं के नवीनीकरण के प्रक्रिया को काफी तेज़ कर देता है, इससे पुरानी कोशिकाओं के जगह नई कोशिकाये जल्दी आ जाती है। जिससे त्वचा चमकदार दिखने लगता है, इसके साथ ही दही काले धब्बे या हाइपरपिग्मेंटेशन को हल्का करने में मददगार होता है।
दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाये जाते है, जो लैक्टिक एसिड उतपन्न करते है। दही त्वचा को एक्सफोलिएट करने के साथ-साथ मुंहासों को कम करने में मदद करता है।
दही अम्लीय प्रकृति का होता हैं, जो त्वचा में मौजूद छिद्रों को साफ करने में मदद करता हैं और साथ ही मुंहासे पर पैदा होने वाले बैक्टीरिया के ग्रोथ को कम करता हैं। साथ ही साथ दही सीबम (इसके अधिक मात्रा में निकले से पिम्पल होता है) के अत्यधिक उत्पादन को कम करता है।
ब्लड प्रेशर करे कम
डॉक्टर एलेक्सेंड्रा वेड (Dr. Alexandra Wade) रिसर्च कर बताया की डेयरी प्रॉडक्ट जैसे दही ब्लड प्रेशर को नॉर्मल बनाये रखने में मदद करता है। क्योकि दही में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पाये जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।
कब्ज़ करे कंट्रोल
कब्ज को खत्म करने के लिए दही सबसे अच्छा ऑप्शन है, दही प्रोबायोटिक्स गुण से भरपूर होता है, ये शरीर में अच्छे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि कर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता हैं। यदि दही के साथ खीरे और ककड़ी का सेवन करे तो ये और भी ज्यादा फायदेमंद हो जाता है, क्योकि इसमें फाइबर और पानी अत्यधिक मात्रा में पाए जाते है, और कब्ज से राहत मिलती है।
गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है
गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए दही का सेवन किया जा सकता है। गर्मी के दिनों में भारत के सभी इलाको में दही को लस्सी के रूप में सेवन किया जाता है, जिससे शरीर में पानी की कमी की भी पूर्ति होती है।
किन लोगो को दही का सेवन नहीं करना चाहिए
दही शरीर में भारीपन और शिथिलता पैदा करता है आयुर्वेद की भाषा में कहे तो दही कफ वर्धक है और खट्टा दही एसिडिटी को बढ़ाता है, जिन लोगो को मोटापा, सर्दी-जुकाम, कफ या अस्थमा की समस्या है उन्हें इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही दही का सेवन रात को नहीं करना चाहिए क्योकि जिन लोगो का पाचन तंत्र कमजोर होता है, वे दही पचा नहीं सकते जिससे उन्हें एसिडिटी भी हो सकती है। यहाँ निचे कुछ लिस्ट है जिन्हे दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अर्थराइटिस के रोगी को
- अस्थमा (Asthma) के मरीजों को
- सर्दी-जुकाम के मरीजों को
- गैस और एसिडिटी वाले लोगो को
- लिकोरिया से पीड़ित महिलाये
दही खाने का सही तरीका और समय
ताजे दही का सेवन करना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। दही को कभी भी गर्म करके या फ्रीज़ में रखा दही नहीं खाना चाहिए ऐसा करने की इसकी गुणवत्ता कम हो जाती है। इसे सुबह नाश्ते या दोपहर के भोजन के साथ लेना चाहिए क्योकि रात को इसका सेवन करने से इसे आसानी से पचाया नहीं जा सकता है।
दही में नमक, मिर्च मशले मिला कर सेवन करने से इसकी गुणवत्ता कम हो जाती है। यदि आप दही सीधे नहीं खा सकते तो आप दही को रायता, लस्सी आदि के रूप में भी इसका सेवन कर सकते है।
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निष्कर्ष (Conclusion)
दही हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन आयुर्वेद में तीन प्रकृति बताई गयी है, इन्ही प्रकृति के अनुसार तथा व्यक्ति के क्षमता के अनुसार दही खानी चाहिए। दही का सेवन मौसम के साथ तथा उसकी मात्रा भी निर्भर करती है, यदि आप दही का सेवन करे तो सेवन से पहले आयुर्वेदाचार्य की सलाह अवश्य ले।
FAQ
Q1.रोज सुबह खाली पेट दही खाने से क्या होता है?
रोज सुबह खाली पेट दही खाने से ये पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है।
Q2.रोज दही खाने से क्या नुकसान होता है?
हर रोज दही खाने से ये एसिडिटी बढ़ा सकता है।
Q3.दही कब नहीं खाना चाहिए?
दही रात और ठंडी के समय में नहीं खाना चाहिए।
Q4.दही खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
दही खाने का सबसे अच्छा समय सुबह या दोपहर का होता है।
Q5.दही में क्या क्या मिलाकर खाना चाहिए?
दही में अंजीर, पिस्ता मिलाकर खा सकते।
Q6.कौन से महीने में दही नहीं खाना चाहिए?
ठंडी के महीने में दही नहीं खाना चाहिए।