बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान | क्‍या होता है जब महिला के शरीर से निकालना पड़ता है बच्चेदानी?

बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान

बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान जिसे मेडिकल के भाषा में Hysterectomy Surgery कहते है। इस आर्टिकल में हम आपको बच्चेदानी निकलवाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते है, इसके बारे में बताएँगे। आज कल आधुनिक मशीने आ गयी है जिसकी सहायता से बच्चेदानी को आसानी से निकला जा सकता है। इसी कारण अधिकांश महिलाये बच्चेदानी निकलवाने के लिए जल्दी ही राजी हो जाती है।

इसके पीछे कई कारण हो सकते है, लेकिन क्या आपको पता है, बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान बहुत ही गंभीर हो सकते है। इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएँगे की बच्चेदानी का ऑप्रेशन आपको किस उम्र में करनी चाहिए।

बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान: क्या आप जानते हैं इसके लक्षण?

आज कल बच्चेदानी निकलवाने की सर्जरी बहुत ही आम बात हो चुकी है। ये बात सही है की जैसे-जैसे समय बिता है, बच्चेदानी निकलवानी की सर्जरी बहुत ही एडवांस हो चुकी है। पहले बच्चेदानी का ऑपरेशन पेट चीर कर किया जाता था। लेकिन अब कई आधुनिक मशीने आ गयी है, जिससे ऑपरेशन कैमरों द्वारा सरलता से किया जा सकता है। जो पहले किय जाने वाले ऑप्रेशनो से काफी सुरक्षित मानी जाती है।

लेकिन फिर भी सर्जरी तो सर्जरी है, इसे बिना किसी गंभीर कारण के बिना नहीं करना चाहिए। जब जरुरी हो तभी करनी चाहिए। क्योकि बच्चेदानी निकलवाने के कुछ नुकसान हो सकते है। इस आर्टिकल में हम आपको यह बताएँगे की बच्चेदानी निकलवाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते है।

बच्चेदानी निकलवाने के बाद आपको दो प्रकार से समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है। पहला है ओप्रशन के समय या उसके कुछ दिन बाद आने वाली समस्या तथा दूसरा है, ओप्रेसशन के 4-5 सालों बाद आने वाली समस्या तो चलिए इसे डिटेल्ड में जानने की कोशिस करते है।

रहें सतर्क! सर्जरी के दौरान या कुछ समय बाद होने वाली समस्याएँ का पूरा विवरण

सर्जरी के दौरान या कुछ समय बाद आपको कई समस्याओं का सामना करना पड सकता है, चाहे आप कितने भी आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करे या किसी भी विधि से सर्जरी करे। आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे से मुख्य समस्या है, ब्लीडिंग अर्थात खून निकलना, यह समस्या इसलिए अधिक देखी जाती है, क्योकि uterus (बच्चेदानी) काफी वैस्कुलर ऑर्गन होता है, अर्थात इस अंग में ब्लड का सप्लाई अच्छा होता है, इसी कारण ब्लीडिंग होती है।

Uterus (बच्चेदानी) को निकलने के लिए इसे अन्य अंगो से अलग करना पड़ता है, जिसके कारण भी ब्लीडिंग होती है। कभी-कभी ब्लीडिंग इतनी अधिक हो जाती है, जिस कारण इन्हे खून चढाने की भी जरूरत पड़ सकती है।

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अन्य अंगों में चोट लगने की संभावना | Injury to Other Organs

स्त्रियों के योनि के पास सिर्फ बच्चेदानी नहीं होती है, इसके आलावा इसके आस-पास कई अंग होते है। बच्चेदानी के आगे पेशाब की थैली होती है, जिसे हम ब्लैडर कहते है। बच्चेदानी के पीछे और आप-पास में बावल लूप्स होते है, आँते होती है। साइड में 2 दो नालिया होती है, जो यूरिन को किडनी से पेशाब की थैली जिसे ब्लैडर कहते है पर पहुंचने का कार्य करता है।

सर्जरी के दौरान कभी-कभी इन अंगो को भी क्षति पहुँच जाती है, जिससे आतंरिक ब्लीडिंग होने के साथ-साथ दर्द भी होता है। कई बार अंग आपस में किसी पुराने सर्जरी के कारण या इन्फेक्शन के कारण चिपके रहते है। इस स्थिति में सर्जरी करने पर अंगो पर काफी इंजरी हो सकती है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम लगभग 1-2 प्रतिशत होती है।

बेहोसी से जुडी समस्याएँ | एनेस्थीजिया कंप्लीकेशन जिसके बारे में आपको पता होनी चाहिए।

सर्जरी में ऑप्रेशन मरीज को बेहोस कर के ही किया जाता है, जिसमे कमर में इंजेक्शन दिया जाता है, जिसे Spinal Anesthesia कहते है। या फिर आपको पूरा बेहोश किया जाता है, जिसे General Anesthesia कहते है, एनेस्थीजिया के अपने कंप्लीकेशन होते है। इसमें साँस लेने में समस्या जिससे ऑक्सीजन की कमी इत्यादि समस्याएँ हो सकती है।

रक्त का थक्का जमना | Thrombo Embolism

सर्जरी के कारण कभी-कभी रक्त का थक्का जम जाता है और वह किसी एक जगह चिपक जाता है जिसे थ्रोम्बोएम्बोलिज्म कहते है। ये रक्त परिवहन में रूकावट का कारण बनता है। कभी-कभी पैरा का थ्रोम्बोएम्बोलिज्म ह्रदय या फेफड़ो चला जाता है, जिसके कारण ये दोनों अंग बुरी तरीके से प्रभावित होते है।

इसके साथ ही सर्जरी के कुछ समय बाद आपको दर्द हो सकता है, या आस-पास के अंगो में संक्रमण हो सकता है, सर्जरी के कारण निशान भीं बनते है, जो देखने में अच्छे नहीं दिखते है। इसके साथ ही साथ कई मरीजों को वोमेटिंग भोजन पचाने में समस्या भी हो सकती है।

सर्जरी के 2-3 साल बाद होने वाली समस्याएँ

ये समस्या उन महिलाओ में आती है, जिसमे बच्चे दानी छोटी उम्र में निकाल दी जाती है। इसीलिए डॉक्टरों द्वारा सलाह दिया जाता है, की जब आपकी उम्र 40 से कम हो, तो आप बच्चेदानी का ऑप्रेशन न कराये। यदि बहुत जरुरी हो तब ही ऑप्रेशन कराना चाहिए। इसके पीछे कई कारण हो सकते है, जैसे दवाओं का काम न करना या यूटेरस (बच्चेदानी) में कैंसर होना।

क्योकि जब यूटेरस (बच्चेदानी) को निकल देते है, जिससे मीनोपॉस हो जाता है, जिसके कारण पीरियड आने बंद हो जाते है। पीरियड न आने के कारण कई हार्मोन में बदलाव देखने को मिलते है। जिन महिलाओ में ओवरी भी निकल दी जाती है, उन महिलाओ में ये समस्या और भी जल्दी देखने की मिलती है। मीनोपॉस के कारण कई समस्या आ सकते है, जिसका मुख्य कारण हार्मोन का बदलाव है। ऑप्रेशन के बाद महिलाओ को कई गंभीर समस्याओ का सामना करना पड़ता है, जिसमे से मुख्य निचे लिखे है:-

  • अचानक अत्यधिक पसीना आना
  • चिड़चिड़ा पन होना
  • बिना किसी कारण के रोना आना
  • मानसिक तनाव होना
  • त्वचा का रुखा पन होना
  • वेजाइना में सूखापन होना
  • शारीरक सम्बन्ध बनाने में समस्या आना
  • यूरिन लिक होना
  • यूरिन करने में समस्या आना

हार्ट अटैक की समस्या हो सकता है | जाने क्यों ?

एस्ट्रोजन हार्मोन जो हमारे ह्रदय के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह आपको हार्ट अटैक जैसे गंभीर समस्याओ से बचा कर रखता है। लेकिन जब बच्चेदानी को निकल दिया जाता है, जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे आपको हार्ट अटैक की समस्या आ सकती है। यह ह्रदय के लिए फायदेमंद इसलिए होता है क्योकि इसमें कार्डिओ प्रोटेक्टिक गुण पाया जाता है।

हड्डियों का कमजोर होना | Bone Weakness

एस्ट्रोजन आँतों में 1-α हाइड्रॉक्सिलेज़ गतिविधि को उत्तेजित करके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन जब ये हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे कभी-कभी रक्त में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है। जिस कारण हमारा शरीर हड्डियों से कैल्शियम का अवशोषण करने लगता है, जिससे हड्डिया कमजोर हो जाती है।

कैल्शियम हमारे शरीर के लिए इसलिए आवश्यक है, क्योकि ये शरीर के उपापचयी क्रियाओ को संपन्न करने के साथ-साथ मांसपेसियों के गति कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

निष्कर्ष:-बहुत से डॉक्टरों की सलाह होती है, की आप अपने बच्चेदानी का ऑपरेशन बहुत सोच समझ कर करायें। यदि दवाओं से ठीक किया जा सके तो, दवाओं का प्रयोग करे। यदि बच्चेदानी में कैंसर हो तो इस स्थिति में डॉक्टरों द्वारा ऑप्रेशन की सलाह दी जाती है।

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FAQ

Q.1बच्चेदानी निकालने से क्या दिक्कत होती है?

बच्चेदानी निकालने से अचानक अत्यधिक पसीना आना, चिड़चिड़ा पन होना, बिना किसी कारण के रोना आना, मानसिक तनाव होना, त्वचा का रुखा पन होना, वेजाइना में सूखापन होना, शारीरक सम्बन्ध बनाने में समस्या आना, यूरिन लिक होना, यूरिन करने में समस्या आना इत्यादि समस्या देखने को मिलती है।

Q.2क्या गर्भाशय निकालना अच्छा है?

नहीं गर्भाशय निकालना अच्छा नहीं है। यदि आप किसी गंभीर समस्या जैसे गर्भाशय के कैंसर से जूझ रहे है, तो इस स्थिति में आप ओप्रशन करा सकते है।

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