पेनिस की नसों के लिए योग | पेनिस को बनाए मजबूत और मोटा | 2023

सेक्स समस्या बहुत ही आम हो चुकी है और इसके बारे में हम किसी से खुलकर बात नहीं कर पाते महिलाओ में इसकी समस्या पुरुषो के मुकाबले बहुत कम ही देखने को मिलती है। पुरुषो में ये समस्याए लिंग  संम्बन्धित होती है जैसे लिंग की नसों के कमजोर होने के कारण लिंग का ढीलापन, स्वप्नदोष और शीघ्रपतन बहुत ही आम हो चुकी है जिससे हम अपने पार्टनर को अच्छी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते जिसके कारण हमारा रिलेशनशिप बहुत ही ख़राब हो जाता है। हम घुट घुट कर जीवन बिताने के लिए मजबूर हो जाते है। इस आर्टिकल में हम आपको पेनिस की नसों के लिए योग बताएँगे।

माइंड हर समय अपसेट रहने लगता है जिससे हमें और समस्याए होने लगती है अभी हम इन समस्याओ को साइड में रख देते है और हमारे मुख्य समस्या पर फोकस करते है। हमें इन समस्याओ के कारण के बारे में सही से पता नहीं होता जिसके कारण ये समस्याय और बढ़ जाती है तो चलिए इसके पीछे के कारण के बारे में जान लेते है।

हमें लगता है की इसके कारण के पीछे गलत खान पान गलत दैनिक दिनचर्या होगी लेकिन ये पूर्ण सत्य बात नहीं है इस समस्या के पीछे ये कारण हो सकते है। लेकिन केवल 10 प्रतिशत केसेस में ही अब बात करे 90 प्रतिशत केसेस की तो इसके पीछे बचपन की गलती होती है या सीधी भाषा में कहे तो कई लोग किशोरा अवस्था में पोर्न वीडियो के अडिक्ट हो जाते है और हस्त मैथुन करने लगते है उनकी लत दिन पर दिन बढ़ती चली जाती है और जब सही उम्र आता है तो वे शारीरिक और मानशिक दोनों रूप से कमजोर हो चुके होते है।

हमने तो इसके पीछे के कारण के बारे में जान लिया है अब आपके दिमाग में आएगा की इसको ठीक कैसे करे हम इस आर्टिकल में आपको यह बताएँगे की पेनिस की नसों की कमजोरी के कारण होने वाले शीघ्र पतन और अन्य समस्याओ से कैसे बचे इसके साथ ही हम इस रोग के कारण के बारे में बताएँगे और आप इससे कैसे बच सकते है उसके बारे में जानने की कोशिस करेंगे।

पेनिस की नसों में कमजोरी के मुख्य कारण

पेनिस की नसों में कमजोरी के मुख्य कारण

पेनिस की नसों में कमजोरी के कारण व्यक्ति में मुख्य रूप से शीघ्र पतन की समस्या होती है और वह सेक्सुल रूप से कमजोर हो जाता है। जो सेक्स करने के लिए प्रयाप्त नहीं है। धीरे-धीरे लिंग में तनाव आना बंद हो जाता है जिससे कामेच्छा कम होती जाती है और आप मानसिक रूप से कमजोर होने लगते है और आपकी सोचने समझने की क्षमता बुल्कुल ही न के बराबर रह जाती है। पेनिस की नसों में कमजोरी के कारण आप अपने पार्टनर को खुस नहीं कर पाते तो चलिए जानते है आपकी पेनिस की नसे किन कारणों से कमजोर हो सकती है।

उम्र बढ़ने पर नसों में कमजोरी

उम्र एक ऐसा चीज है जिसके बढ़ने को हम रोक नहीं सकते लेकिन अब प्रश्न उठता है उम्र बढ़ने पर क्या लिंग की नसों में कमजोरी आ सकती है इसका उत्तर है हाँ और नहीं भी उम्र बढ़ने पर शरीर की चयापचय क्रिया भले ही धीमी हो सकती है। लेकिन हम योग से अपने बॉडी को तंदरुस्त रख सकते है। आयुर्वेद की मने तो हम 100 साल तक स्वस्थ जीवन शैली जी सकते है। लेकिन उसके लिए हमें अपने खान पान में सुधर करने की जरूरत पड़ेगी इसके साथ शारीरिक परिश्रम की भी आवश्यकता होगी।

शराब और तंबाकू का सेवन

शराब और तंबाकू का सेवन हमारे नसों को कमजोर बना सकता है। इसमें एक विषैला तत्व होता है जो रक्तपरिसंचरण को प्रभावित कर रक्त के प्रवाह को कम कर देता है जिससे रक्त नसों में नहीं पहुंच पाता और नसे कमजोर हो जाते है।

चलो यहाँ तक तो ठीक है यह ऑक्सीजन के लेवल को भी काम कर देता है जिससे नसों को ठीक करने में ख़फ़ी समस्याए आ सकती है। शराब और तंबाकू का सेवन जननांगो के रोग प्रतिरोधक को काम कर देता है जिससे इसमें संक्रमण का खतरा बना रहता है।

इस आर्टिकल में हमने पेनिस की नसों के लिए योग बताए है लेकिन इन योग का प्रयोग करने से पहले आपको शराब और तंबाकू का सेवन छोड़ना होगा।

मानसिक तनाव

मानसिक तनाव हमारे रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। यह हार्मोनल डिस्बैलेंस कर देता है जिसका असर हमारे शरीर में दिखाई देता है। हार्मोन की कमी या अधिकता के कारण हमारे पेनिस पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे ये कमजोर हो सकता है।

शरीरिक निष्क्रियता

यदि आप अपने शरीर में हलचल नहीं रखते है। आप लेट से सो कर उठते है और फिजिकल वर्कआउट नहीं करते तब भी आपको ये समस्या हो सकती है।

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मोटापा

आप सोच रहे होंगे की मोटापा का पेनिस की नसों में कमजोरी से क्या लेना देना है। लेकिन हम आपको बता दे की जब आपका वजन बढ़ता है तो मुख्य रूप से पेट का हिस्सा ही अक्सर आगे निकल जाता है और यह आपके पेनिस की नसों को दबा सकता है। लम्बे समय तक ऐसे रहने से ये और भी बढ़ सकती है। इसलिए आपको पेट की चर्बी कम  करने की आवश्यकता है।

दवाइयों का इस्तेमाल

जब आपका लिँग में कठोरता नहीं होती और वह जल्द ही ढीला पड़ जाता है या शीघ्र पतन की समस्या से आप जूझते है तो आप अक्सर अत्यधिक मात्रा में दवाइयों पर निर्भर रहने लगते है और एक समय पर ये  दवायें असर करना बंद कर देती है।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी

टेस्टोस्टेरोन की कमी एरेक्टाइल टिश्यू के संघटकों के नुकसान पहुँचती है जिससे नसे कमजोर हो सकती है। टेस्टोस्टेरोन सेक्सुल लाइफ में ऊर्जा हार्मोन के रूप में जाना जाता है। इसलिए आपको टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की आवश्यकता है।

बचपन की गलती से आई कमजोरी

हमने आपको पहले ही बताया था की आज के ज़माने में हमारा देश ही ऐसा देश है जहा इंटरनेट सबसे सस्ता मिलता है। इसिलए यहाँ 100 प्रतिशत लोगो में से 95 प्रतिशत लोग पोर्न वीडियो के एडिक्ट है और बचपन में ही हस्तमैथुन करने से आपकी सारी ऊर्जा ख़त्म हो जाती है और समय बीत जाने पर आपको इसका अनुभव होता है।

पर्याप्त पोषण आहार की कमी

हमारे शरीर पोषक तत्वों से ही मिल कर बना है। जिसमे मुख्य रूप से प्रोटीन और कैल्सियम होती है इसके आलावा और पोषक तत्व होते है जो जरुरी तो होते है लेकिन कम मात्रा में यदि आप का खान पान ख़राब है जिससे आपका शरीर आंतरिक रूप से कमजोर हो जाता है। इसका ज्यादा प्रभाव जननांगो पर होता है। पेनिस में नसों की कमजोरी के कारण पेनिस में पर्याप्त तनाव नहीं आता है।

गुप्तांग में संक्रमण

गुप्तांगो में संक्रमण का मुख्य कारण बैक्टीरियल और फंगस है संक्रमण के कारण नसों में सूजन और दर्द हो सकता है जिससे आपके प्रदर्शन में कमी आ सकती है। ये संक्रमण सूजन कर नसों पर दबाव डालती है जिससे रक्त संचार कम हो जाता है जिससे पेनिस की नसों को काफी नुकसान पहुँचता है।

पेनिस के कमजोर नसों के कारण शीघ्रपतन

जब पेनिस की नसे कमजोर हो जाती है (इसके पीछे का मुख्य कारण बचपन की गलती  है)  तो आप को सेक्स से संभंधित विभिन्न  समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है इसमें से मुख्य समस्या शीघ्रपतन है शीघ्रपतन होने के कारण आप रुक-रुक कर करीब 2 - 3 बार सेक्स करते है जिससे पेनिस की नसे कमजोर होती जाती है। जब व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सेक्स क्रिया प्रारम्भ करता है तो लिंग को अंदर डालने के 2 मिनट के अंदर ही वीर्य निकल जाता है इस समस्या को ही शीघ्रपतन कहते है। महिला साथी के संतुष्ट न होने के कारण आपको 2 - 3 बार सेक्स कर महिला साथी को संतुषट करना पड़ता है। ये समस्या कभी कम होने का नाम ही नहीं लेती हैं।

पेनिस के कमजोर नसों के कारण शीघ्रपतन

सेक्स के समय यक्ति के पेनिस में उचित तनाव नहीं आने से वह अपने पेनिस को महिला साथी की योनि में डालने में असमर्थ होता है। यदि लिंग में थोड़ा तनाव भी आता है तो शीघ्रपतन जल्द ही हो जाता है। ये समस्याए आगे चलकर इतनी बढ़ जाती जिससे बच्चे पैदा करने में समस्याए होती है।

पुरुष साथी अपनी महिला साथी को अच्छे से संतुष्ट नहीं कर पता जिससे उनके जीवन में काफी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। सेक्स क्रिया की संतुष्टि ना होने के कारण महिला साथी का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है और वे अपनी कामेच्छा को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक चली जाती है।

पेनिस की नसों के लिए योग : योग से कैसे बनाए अपने लिंग को मजबूत और मोटा

पेनिस की नसों के लिए योग – आज के ज़माने में भारत ही ऐसा देश है जहा इंटरनेट सबसे सस्ता मिलता है बात करे आज से लगभक 6-7 साल पहले इंटरनेट बहुत स्लो थी जिससे पोर्न वीडियो का प्रसारण काम होता था लेकिन आज के ज़माने में इंटरनेट बहुत फ़ास्ट हो गया है जिससे लगभग 100 लोगो में से 90 लोगो को पोर्न देखने की आदत हो चुकी है  आज के इन्टरनेट के जमाने में लोग पोर्न देखकर मास्टरबेशन करते हैं जिससे उनके लिंग की नसें धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है और फिर लिंग में इरेक्शन सही से नहीं हो पाता है।

मास्टरबेशन के साथ बढ़ती उम्र भी उपयुक्त इरेक्शन प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण कारक है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे लिंग की नसों में ब्लड का फ्लो कम होता जाता है और इरेक्शन में समस्या होती है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक, 52 प्रतिशत पुरुष इससे पीड़ित होते हैं, और चालीस की उम्र तक, चालीस प्रतिशत पुरुष इरेक्शन में परेशानी महसूस करने लगते हैं।

क्या आपको भी अपने पेनिस यानी लिंग में इरेक्शन से जुड़ी कोई परेशानी आ रही है? क्या आपको सेक्स करने के तुरंत बाद कमजोर पाना महसूस होता है ? क्या पेनिस में अच्छी तरह सेक्स करने के लिए कड़ापन नहीं आता है? तो घबराइए मत। आज का यह पोस्ट आपके लिए ही है। इस पोस्ट में हम पेनिस की नसों के लिए योग के बारे में बताएंगे। कुछ ऐसे योग हैं जिनसे पेनिस की नसें मजबूत होती हैं। इन योगासनों को करने से आपका सेक्सुअल जीवन फिर से जवानी के जैसा हो जाएगा। लेकिन ध्यान दे आपको लगभक १ महीने ब्रम्हचर्य का पालन करना है  तो चलिए जानते हैं...

पेनिस की नसों के लिए 10 असरदार योग

पेनिस की नसों के लिए 10 असरदार योग

जब बात आती है पेनिस की नसों को मजबूत करने की, तो 5 असरदार योग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हस्तपाद आसन, मलासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, और उत्तानासन इनमें से कुछ हैं। ये योग आपकी पेनिस की नसों को स्वस्थ रखते हैं, उन्हें मजबूती देते हैं और खून के प्रवाह को बढ़ाते हैं। नियमित रूप से इन योगासनों को करने से आपकी पेनिस सेक्सुअल लाइफ को सुखद बना सकते हैं। यहाँ आपको लिंग की नसों को मजबूत करने के लिए 5 बेस्ट योग बता रहे हैं जो आपके पेनिस को हार्डनेस देने में मदद करते हैं. तो चलिए जानते है…

नौकासन

यदि आप पेनिस की नसें मजबूत करना चाहते हैं तो नौकासन योग जरुर करें. नौकासन रेगुलर करने से कमर, नितम्ब और जांघ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और सेक्स संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। और सेक्स हॉर्मोन एक्टिवेट होते हैं जिससे  शीघ्रपतन, नपुंसकता, यौन उत्तेजना की कमी जैसी समस्याएं कम होती हैं।

नौकासन योग शरीर की क्षमता को बढ़ाता है और आपको सेक्स में अधिक सुख और संतोष प्रदान करता है।

नौकासन योग को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • सबसे पहले एक योगमाट या चटाई पर समय बिताएं।
  • अपनी पीठ को धीरे-धीरे लेटाएं और पैरों को अगली ओर उठाएं।
  • जब आप पूर्णतः लेट जाएं, तो अपने हाथों को सीधा रखें और अवश्यकता अनुसार अपनी टांगों को उठाएं।
  • अब धीरे-धीरे अपने पैरों को बायां ओर घुमाएं जैसे कि नौका ओर से घुमती है।
  • इस स्थिति में ठहरें और समय के लिए दम भरें।
  • शांत और गहरी सांस लें और योगासन को विश्रामपूर्वक छोड़ें।

धनुरासन

धनुरासन या धनुरासन योग करने से सेक्स में विशेष फायदे हो सकते हैं। इस आसन को करने से पेनिस की नसें मजबूत होती हैं और यौन उत्तेजना बढ़ती है।

यह आसन पूरे शरीर को तंदरुस्त और सक्रिय रखने में मदद करता है, जिससे सेक्स के दौरान स्थामित्व और शक्ति बढ़ती है। धनुरासन करने से शरीर की उच्चता बढ़ती है और यौन संबंधों में और भी आनंद मिलता है।

धनुरासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • पहले एक योगमाट या चटाई पर समय बिताएं।
  • अपनी पेट के बाल लेट जाएं और अपने पैरों को हिलाएं ताकि आपके गुटने झुकें।
  • अब अपने हाथों को वापसी ले और अपनी एड़ियों को पीछे की ओर उठाएं। अपने बाएं हाथ से अपनी बाईं एड़ी पकड़ें और अपने दाएं हाथ से अपनी दाईं एड़ी पकड़ें।
  • अब जब आप स्थिति में हैं, तो धीरे-धीरे अपने पैरों को अपनी बाजू की ओर उठाएं। इस प्रक्रिया में, अपने हाथों को अपनी पांव की ओर खींचें ताकि आपकी छाती और पेट उठ जाएं।
  • इस स्थिति में ठहरें और समय के लिए दम भरें। अपनी ध्यान समेत शांत और गहरी सांस लें।
  • धीरे-धीरे अपने हाथों को और गुटनों को छोड़ते हुए विश्रामपूर्वक वापसी करें।

कीगल

सेक्सुअल स्टैमिना बढ़ाने के लिए केगल एक्स्सर्सिसे बेस्ट व्यायाम है। कीगल व्यायाम से पेलविक मांसपेशियों को मजबूत बनाने से पेशाब का नियंत्रण बढ़ता है।

कीगल व्यायाम से वीर्याघात को नियंत्रित करना संभव होता है इससे पेनिस मजबूत और मोटा होता है।

कीगल व्यायाम को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • सही स्थान ढूंढें: पहले, आपको अपने पेलविक फ्लोर मांसपेशियों को पहचानने की आवश्यकता होगी। इन मांसपेशियों को पहचानने के लिए, जब आप मूत्र को रोकने का प्रयास करें, तो आपको उन मांसपेशियों की एहसास होगी जो आपको मूत्र नियंत्रण करने में सहायता करती हैं।
  • सही तरीके से करें: एक बार जब आप मांसपेशियों को पहचान लें, तो आप उन्हें बिना दबाव डाले और बिना अन्य शरीरीय भागों को हिलाए अवश्य करें। सास छोड़ने के साथ-साथ, अपनी पेलविक फ्लोर मांसपेशियों को 3-5 सेकंड तक टायम करें। ध्यान दें कि आपको सिर्फ पेलविक फ्लोर के मांसपेशियों को ही संकुचित करना है, और आपको दूसरे शरीरीय भागों को स्थिर रखने की कोशिश करनी है।
  • नियमितता बनाए रखें: कीगल व्यायाम का नियमित अभ्यास आवश्यक है। प्रतिदिन कम से कम 10-15 मिनट की अभ्यास करने से आपके पेलविक फ्लोर मांसपेशियाँ मजबूत हो सकती हैं। आप इसे दिन के किसी भी समय कर सकते हैं, जैसे सुबह उठकर, दोपहर को, शाम को या सोते समय।

कीगल व्यायाम को सही ढंग से करने के लिए अवश्य ध्यान दें और अपने शरीर की सीमाओं के अंदर ही रहें। यदि आपको किसी तरह की संदेह होती है, तो एक योग गुरु से सलाह लें और उनके मार्गदर्शन का पालन करें।

उत्तानपादासन

उत्तानपादासन योगासन के सेक्स में कई फायदे हो सकते हैं। इस आसन को करने से पेलविक एरिया की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, जो सेक्स के दौरान अधिक आनंद प्रदान कर सकती हैं। यह योगासन कर्ण मूड्रा के लिए भी उपयोगी होता है जो वीर्य पर कंट्रोल रखने में मदद करता है।

इसके अलावा, यह आसन कमजोर इरेक्शन को दूर करने, सेक्स ड्राइव को बढ़ाने और संभोग समय को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

उत्तानपादासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • सबसे पहले एक योगमाट या चटाई पर लेट जाएँ। अपने पेट की ओर सुखाने के लिए बिस्तर या टॉवल का उपयोग कर सकते हैं।
  • अपनी पीठ को सीधा रखें और अपने पैरों को सुखाएं। हाथों को शरीर के नीचे स्थानित करें और आराम से सांस लें।
  • अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊँचा उठाएँ, जैसे कि आप एक 90-डिग्री कोण में हों। इस पोजिशन में ठहरें और ध्यान लगाएं।
  • जब आप इस पोजिशन में ठहरे हों, तो शांत रहें और 10 से 15 सेकंड तक सांस छोड़ें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते समय अपने शरीर को स्थिर रखें।
  • फिर से धीरे-धीरे पैरों को नीचे लाएँ और आराम से सांस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार दोहराएं। शुरुआत में आपको थोड़ी मुश्किल हो सकती है, लेकिन समय के साथ आप इसे आसानी से कर सकेंगे।

ध्यान दें कि योग करते समय अपने शरीर को ज़बरदस्ती थका नहीं रखें और अपने सामरिक सीमाओं के अनुरूप करें। यदि आपको किसी तरह की असुविधा हो रही हो या आपके पास किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या हो, तो कृपया एक योग गुरु की सलाह लें।

स्ट्रेचिंग

स्ट्रेचिंग एक उत्कृष्ट व्यायाम है जो पेनिस की नसों को मजबूत करने में मदद करता है। यह व्यायाम पेनिस की लंबाई को भी बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है।

लिंग स्ट्रेचिंग करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. शुरुआत में लिंग को गर्म करें:
    • गर्म पानी के साथ अपने लिंग को स्नान करें या गर्म पेटी का उपयोग करें।
    • यह आपके लिंग की कसी हुई नसों को ढीला करने में मदद करेगा।
  1. धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग करें:
    • अपने लिंग को अधिकतम लंबाई तक खींचें, लेकिन यह दर्द नहीं करना चाहिए।
    • आप इसे उपयोगकर्ता के अनुभव और आराम के अनुसार बढ़ा सकते हैं।
    • एक बार में 20-30 सेकंड तक खींचें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें।
  1. व्यायामों को नियमित रूप से करें:
    • स्ट्रेचिंग व्यायाम को हर दिन करने का प्रयास करें।
    • शुरुआत में कम समय से शुरू करें और समय के साथ इसे बढ़ाएं।
    • लंबी अवधि तक नियमित अभ्यास से आपके लिंग की लंबाई में सुधार हो सकता है।

स्ट्रेचिंग के दौरान सही ढंग से श्वास लें, धीरे-धीरे खींचें और अधिकतम समय तक खींचने का प्रयास करें। हाथ या एक तकिया का सहारा लें यदि आवश्यक हो। यदि कोई दर्द या अस्वस्थता महसूस होती है, तो तुरंत व्यायाम बंद करें और चिकित्सक से सलाह लें।

पश्चिमोत्तासन

यह बहुत ही आसान योग मुद्रा है जो स्वसन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करता है। इस योगासन से शरीर के रक्त की सफाई होती है। इस योगासन से शीघ्रपतन की समस्या से राहत मिल सकती है जिनके लिंग में विभिन्न समस्याए रहती है। जैसे लिंग का ढीलापन नसों की कमजोरी के कारण होती है उनके लिए ये आसान बहुत ही लाभकारी होता है। इस योगासन का प्रयोग आप हर दिन कर सकते है जिससे आपकी लिंग मजबूत और सक्त हो सकती है।

पश्चिमोत्तासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • एक योगमेंट या चटाई पर बैठें अब आप सुखासन की स्थिति में बैठ जाए।
  • दोनों को नीचे की ओर समतल रखें, दोनों हाथो से पैरो की अगुठे को पकड़ने कोशिस करे।
  • उठते हुए सांस लें और श्वास छोड़ते हुए अपने उपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं। यहां ध्यान दें कि आपका पेट आपके जांघों से संपर्क में हो।
  • सीधे रखी हुई हाथों को अपने टखनों के पास लाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।
  • ध्यान रखें कि आपकी कमर सीधी रहे और आपके नीचे की हड्डी में ज्यादा दर्द न हो । इसके साथ ही अपने आगे की ओर झुकते समय अपने ध्यान को पैरो पर रखे।
  • अपने आपको जितना संभव हो सके आगे की ओर खींचे, अपनी सांसो को धीरे-धीरे छोड़ें। इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहे। 
  • धीरे-धीरे संयमित तरीके से वापस आएं। अपने शरीर को धीरे-धेरी ऊपर उठाए।
  • आराम से उन्हें बैठे हुए स्थिति में वापस लाएं।

ध्यान दें कि योग करते समय अपने शरीर को ज़बरदस्ती थका नहीं रखें और अपने सामरिक सीमाओं के अनुरूप करें। इस आसान को जल्द बजी में न करे।

सालभासन

शलभासन एक बहुत ही प्राचीन और प्रमुख योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए लाभकारी होता है। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से लिंग की नसों में रक्त प्रवाह की दर बढ़ जाती है। जिससे लिंग मजबूत होने के साथ साथ आपको सेक्सुअल ऊर्जा में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। यह योगाभ्यास नपुंसकता को दूर करने में कारगर माना जाता है।

सालभासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • एक योगमेंट या चटाई पर लेट जाएँ। अपने पेट को योगमेंट पर संपर्क में रखें और अपने हाथों को साइड रखे।
  • साँस भरते हुए दायाँ पैर उठाएँ। बाएँ पैर सीधा रखे ध्यान रखे इस योगाभ्यास को आराम से करे कूल्हे पर ज्यादा भार न पड़ने दे।
  • साँस लेते हुए इस स्थिति में रुके रहे साँस आराम से छोड़ते हुए, अपने दाएँ पैर को नीचे रखें इस स्थिति में रुके रहे।
  • इस प्रक्रिया को अपने बाएँ पैर से भी करे।
  • अब आप पेट के बल लेट कर अपने दोनों हाथो को जांघो के निचे रखे। 
  • साँस अंदर लेते हुए अपने दोनों पैरो को जितना ऊपर उठा सके उतना ऊपर उठाएँ।
  • अब आप अपने सासों को छोड़ते हुए दोनों पैरो को निचे लाए अपने हाथो को जांघो से हटा ले और थोड़ी देर आराम करे।
  • इस प्रक्रिया को करीब 4 -5 बार दोहराए।

इस योगाभ्यास को लगातार करते रहने से जबरजस्त फायदा मिलता है। इससे पेनिस की नसे मजबूत होती है जिससे आपका लिंग लंबे समय तक कठोर रहता है। जिससे सेक्स क्रियाएं अच्छी होती हैं और कामेच्छा बढ़ती है।

बद्ध कोणासन

बद्ध कोणासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से आपकी लिंग की मांसपेशियों मजबूत होने के साथ आपका रक्त संचार ठीक होता है। इस योगाभ्यास से सेक्स करते समय आपकी लिंग बहुत टाइट रहती है जिससे शीघ्रपतन तथा शीघ्र स्खलन जल्दी नहीं होता और आपका सेक्स टाइम लबे समय तक चलता है। जिन व्यक्तियों में लिंग की कमजोरी के कारण लिंग में तनाव नहीं आता है और बहुत जल्दी ही शीघ्र स्खलन तथा शीघ्रपतन हो जाता है उनको दैनिक रूप से इसका अभ्यास लाभप्रद हो सकता है।

बद्ध कोणासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • यह बहुत ही सरल अभ्यास है। जिनको कमर में दर्द है वो भी इस अभ्यास को कर सकते है लेकिन ध्यान रहे कमर दर्द वाले इस अभ्यास को करते समय अपने पैरो को जोर-जोर से न हिलाए इससे आपकी कमर दर्द बढ़ सकती है।
  • एक योगामेट या चटाई ले उसके ऊपर आराम से बैठ जाए।
  • अपने पैरो को सबसे पहले सीधा करे। 
  • पंजों को जोड़ करके एड़ियों को धीरे धीरे पंजों को जोड़ते हुए लिंग के पास लाए।
  • जब लगे के आपकी एडियाँ लिंग को छूने लगी है तो अपने घुटनो को जमीन से चिपकने की कोशिस करे। 
  • अब आपको एहसास होगा की आपके पैर तितली के दोनों पंखों की तरफ फैल हुए हैं।
  • अब आप अपने पैरो को तितली की फंखो की तरह हिलाए और धीरे-धीरे अपने पैरो की गति को बढ़ाए।
  • इस अभ्यास को आप प्रतिदिन कम से कम आप 5 मिनट करे।

इस योगाभ्यास को शुरूवाती टाइम में धीरे-धीरे करे और समय बीतने के साथ अपनी गति को बढ़ाएँ। इस योग के निरन्तर अभ्यास से आपके जांघो तथा लिंग की मांस पेशियां मजबूत होने लगती है। समय के साथ आपकी लिंग मजबूत होती जाती है जिससे शीघ्रपतन व शीघ्र स्खलन की समस्याएं दूर हो जाती है और आप लम्बे समय तक सेक्स करने में समर्थ हो जाते है जिससे आपको आपको अपने महिला सामने सर्मिन्दा नहीं होना पड़ता है। इस अभ्यास में पैरो को तितली की तरह हिलाया जाता है इसलिए इस योगाभ्यास को तितली आसन के नाम से भी जाना है।

इस योगाभ्यास को करते समय ध्यान रखे की आपकी दोनों एड़िया जुडी होनी चाहिए और इसके साथ ही आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।

कुंभकासन

कुंभकासन शरीर तथा मांसपेशियों के लिए बहुत ही उत्तम योग माना जाता है। इसका निरन्तर प्रतिदिन अभ्यास करते रहने से से शरीर की ढीली मांसपेशियां टाइट होने लगती है। इस आसान से लिंग टाइट मोटा और सुडोल बनता है। इसके लगातार अभ्यास से शीघ्रपतन व शीघ्र स्खलन की समस्या से राहत मिलती है।

कुंभकासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • एक योगामेट या चटाई बिछा ले।
  • योगामेट पर अपने पेट के बल लेट जाएं ।  
  • इस योगाभ्यास को करते वक्त ध्यान रहे की आपका शरीर सीधा हो।
  • अपने शरीर को प्लैंक पोजीशन की मुद्रा में लाएं। 
  • ध्यान रहे आपके दोनों हाथ कंधे के सामने हो और आपके पंजे जमीन पर टीके हो।
  • अपने बॉडी पर दबाव डालते हुए बॉडी को ऊपर उठाने की कोशिस करे और अपने कमर और गर्दन को सीधा रखे।
  • इस अवस्था में थोड़ी देर रुके फिर सामान्य अवस्था में वापस आ जाए।

ध्यान दें कि योग करते समय अपने शरीर को ज़बरदस्ती थका नहीं रखें और अपने सामरिक सीमाओं के अनुरूप करें। इस आसान को जल्द बजी में न करे।

जानु शीर्षासन

जानु शीर्षासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से लिंग और पेट के हिस्सों में रक्त का संचार बढ़ जाता है। इसके नियमित अभ्यास से लिंग की नसों में होने वाली कमजोरी ठीक हो जाती है। और आपका लिंग मोटा कठोर और सुडौल बनता है।

जानु शीर्षासन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • एक योगामैट ले और उस पर पीठ को सीधा करके सुखासन में बैठ जाएं।
  • अपने बाएं पैर को कूल्हे के जोड़ से बहार फैलाएं।  
  • दाहिने घुटने को भीतर की ओर मोड़ें।
  • दाएं पैर के तलवे को बाईं जांघ के अंदरूनी हिस्से के ऊपर रखें।
  • दाहिने पैर और घुटने को फर्श पर आराम से दबाएं।
  • छाती और नाभि बाएं पैर के ही रखे। 
  • इससे ऊपरी हिस्सा सीधा हो जायेगा।
  • अपने दोनों हाथों को कूल्के के पास रखे और उससे सपोर्ट करे। 
  • सांस भीतर हारते हुए अपने रीढ़ की हड्डी पर खिचाव उतपन्न करे।
  • सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों से पैर की एड़ी को पकड़ लें।
  • अगर हाथ नहीं पहुंचते तो घुटने से नीचे कहीं भी पकड़ लें।
  • इसी स्थिति में काम से काम 1 - 2 मिनट तक रुके रहें। गहरी और धीमी सांसें लेते और छोड़ते रहें। 
  • सांस खींचते हुए हाथों से पैरों को छोड़ दे। 
  • धड़ को ऊपर उठाएं और दाहिने पैर को सीधा करें।
  • इस आसान को दोहराए।

इस योगाभ्यास को लगातार करते रहने से जबरजस्त फायदा मिलता है। इससे पेनिस की नसे मजबूत होती है जिससे आपका लिंग लंबे समय तक कठोर रहता है। जिससे सेक्स क्रियाएं अच्छी होती हैं और कामेच्छा बढ़ती है।

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पेनिस की नसों के लिए योग तथा आयुर्वेदिक औषधियाँ

पेनिस की नसों के लिए योग तथा आयुर्वेदिक औषधियाँ

क्या आयुर्वेदिक औषधियाँ तथा तेल आपकी पेनिस की नसों को बजबूत बनाने में कोई मदद कर सकता है। हमारे जननांग बहुत ही संवेदी अंग होते है। इसके ऊपर किसी भी दवा का इस्तेमाल करने से पहले आपको बहुत विचार विमर्श करना चाहिए। आप को क्या लगता है की आयुर्वेदिक औषधियाँ तथा तेल क्या आपके लिंग को मजबूत बनाने में मदद करेगी। हाँ आप सही सोच रहे है मेडिसिन में पोषक तत्व होते है जिसे खाने या लिंग के ऊपर लगाने से आपके लिंग को भरपूर मात्रा में पोषक मिलने से आपका लिंग मजबूत होता है। इन आयुर्वेदिक औषधियाँ तथा तेल के इस्तेमाल से आपका लिंग मजबूत हो जाता है जिससे आपकी शीघ्रपतन की समस्या ख़त्म हो जाती है। तो चलिए जानते है इसके गन तथा फायदे

अश्वगंधा के फायदे

सेक्स अच्छे से न करने पर जो मानसिक तनाव होता है अश्वगंधा उसे कम करता है और आपको अच्छी नींद लेन में मदद करता है। यह सेक्स हार्मोन को बढ़ाकर पुरुषों में सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह पुरुषों के लिंग की शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है और लम्बे समय तक लिंग को सख्त रखने में मदद करती है। अश्वगंधा प्रोस्टेट ग्रंथि को ठीक करता है। यह प्रोस्टेट संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है और पुरुषों के लिंग के स्वास्थ्य को लम्बे समय तक ठीक बनाए रखने में मदद करती है।

शिलाजीत के फायदे

पुरुषों में सेक्स संबंधित समस्याओं को कम करने में शिलाजीत मददगार होती है। शिलाजीत पुरुषों में लिंग की शक्ति को बढ़ाने और सेक्स संबंधित समस्याओं जैसे शीघ्रपतन को कम करने में मदद कर सकता है। यह पुरुषों की शक्ति, यौन क्रियाशीलता को बढ़ाने में मदद करती है। शिलाजीत शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। शिलाजीत में विटामिन, मिनरल और एंटिऑक्सिडेंट्स होते है जो लिंग स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यह पुरुष हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकते है। शिलाजीत हार्मोनल बैलेंस को सुधारने में सहायता करता है।

निष्कर्ष

लिंग की नसों को मजबूत बनाने में योग का महत्व अद्वितीय है। योग एक प्राकृतिक तरीका है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने में मदद करता है। योग के अभ्यास से लिंग की नसों को स्वस्थ, मजबूत और सुचारु रूप से काम करने में मदद मिलती है।

योगाभ्यास में कुछ विशेष आसन हैं जो लिंग की नसों को मजबूत बनाने के लिए लाभदायक होते हैं। पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन, उत्थान पादासन जैसे आसनों के अभ्यास से लिंग के रक्त संचार को बढ़ाया जा सकता है और इससे नसों का पोषण भी बेहतर होता है। इन आसनों को नियमित रूप से करने से लिंग की नसों की क्षमता में सुधार होता है और सामरिक शक्ति बढ़ती है।

योगाभ्यास के अलावा, आप प्राणायाम और ध्यान भी अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। प्राणायाम द्वारा आप प्राणिक शक्ति को नियंत्रित कर सकते हैं और ध्यान से आप मन को शांत करके तनाव को कम कर सकते हैं। योग के नियमित अभ्यास से लिंग की नसों का विकास होता है, संभोग क्षमता में सुधार होता है और यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है।

योग लिंग की नसों को मजबूत और स्वस्थ रखने का एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है। यह सुनिश्चित करने के लिए, आपको योग के अभ्यास को नियमित रूप से करना चाहिए और इसे अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। ध्यान रखें कि योग के अभ्यास के लिए आपको किसी प्रमाणित योग गुरु की मार्गदर्शन में काम करना चाहिए और स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी समस्या के मामले में हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।पेनिस की नसों में कमजोरी क्यों होती है?क्या हम पेनिस को योग से ठीक कर सकते है?

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